रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा,
ह्ल्दी घाटी के शहीदों का सगा हो जायेगा।
होली में भी फ़ाग गायेंगे नहीं गर चौक पर
तो गली का कुत्ता भी हमसे ख़फ़ा हो जायेगा।
भांग, शादी की मिठाई में न डालो लड़कियों,
वरना वर का बाप दुल्हा बन खड़ा हो जायेगा।
अब पतान्जलि योग शिक्षा से तनेगा हर शरीर,
पर दिमाग़ी घोड़ा रस्ते में खड़ा हो जायेगा।
घंटा बीबी का बजाते ख़ुद रहोगे दानी गर
बाइयों का लफ़ड़ा घर से कल जुदा हो जायेगा।
लड़कियों से दोस्ती करनी है तो साड़ी पहन,
तेरे पीछे लाभ अपना भी ज़रा हो जायेगा।
हुस्न खुल्लेआम गलियों में दिखाये जलवा तो,
शह्र मेरा रांची या फिर आगरा हो जायेगा।
तुम गुलाबी ,लाल सड़ी मत पहनना होली में,
सांडों का ये शह्र वरना बावरा हो जायेगा।
दिल अभी बच्चा है दानी ,पानी दोगे प्यार से,
तो मुनासिब काम खातिर ये बड़ा हो जयेगा।
बहुत जबरदस्त हलवा
ReplyDeleteहोली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
दिल अभी बच्चा है दानी ,पानी दोगे प्यार से,
ReplyDeleteतो मुनासिब काम खातिर ये बड़ा हो जयेगा।
आरे वाह क्या रंग जमाया है
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें ..ईश्वर करे हम सब के जीवन में होली के रंगों की तरह प्यार, सहनशीलता और उदारता के रंग हमेशा बने रहें ...आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए
बहुत जबरदस्त हलवा... रंगपर्व होली पर आपको व आपके परिवार को असीम शुभकामनायें.....
ReplyDeleteहोली का हलवा बड़ा स्वादिष्ट और मीठा है...
ReplyDeleteवाह संजय जी ,
ReplyDeleteपूरी मस्ती में लिखी है मस्त-मस्त रचना ...
"तुम गुलाबी,लाल साडी मत पहनना होली में
सांडों का ये शहर वर्ना , बावरा हो जाएगा "
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें ...
लड़कियों से दोस्ती करनी है तो साड़ी पहन,
ReplyDeleteतेरे पीछे लाभ अपना भी ज़रा हो जायेगा
वाह ,,, दानी साहब ,,,
क्या खूब रंग जमाए हैं ... वाह !!
जो न पढ़ पाया इसे वो तो रहा बे-अक्ल ही
और जिसने पढ़ लिया , वो बाँवरा हो जाएगा
बिलकुल अलग ही अंदाज़ में लिखा है आपने इस बार । अच्छा लगा।
ReplyDeleteपटाली जी , केवल जी , संध्या जी, वर्षा जी , सुरेन्द्र जी ,दानिश जी ,और डाक्टर श्रीवास्तव जी आप सब को तहे दिल धन्यवाद।
ReplyDeleteमजा आ गया! होली की भांग मे लिपटी सी कृति!
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आपके लिए एक जरूरी आमंत्रण @ उल्टा तीर (सिर्फ़ दो दिन शेष!)